👉 राम का जन्म कब हुआ था??

लगभग 500 से 560 ईसा बाद।

👉 राम का जन्म कहाँ हुआ था??

ब्राह्मण अग्नि शर्मा उर्फ वाल्मीकि के दिमाग में।

👉 राम के पिता का क्या नाम था??

असली पिता का नाम श्रृंगी रिषि था और नकली पिता दशरथ था।

👉 राम किसके अवतार है??

पुष्यमित्र सुंग के।

👉 अयोध्या का ऐतिहासिक नाम क्या था??

साकेत।

👉 साकेत का नाम अयोध्या कैसे पड़ा??

अंतिम मौर्य सम्राट बृहदत मौर्य का ब्राह्मण सेनापति पुष्यमित्र सुंग ने धोखे से बृहदत मौर्य की हत्या कर दिया और पूरे देश से बौद्धो का कत्लेआम करवाया साकेत के सभी वीर योद्धाओं का कत्लेआम करवा दिया जिससे कि साकेत में कोई योद्धा नहीं बचा ईसीलिए साकेत का नाम अ+योद्धा अर्थात योद्धा रहित रखा जो आगे चल कर अयोध्या पड गया बौद्धों का कत्लेआम कराने वाला पुष्यमित्र सुंग ही वाल्मीकि रामायण का काल्पनिक पात्र राम है और अंतिम मौर्य सम्राट बृहदत मौर्य और उसके 9 पूर्वजों के सिर को जोड कर ही दश शिरो वाला रावण नाम दिया है ।

👉 रामायण क्या है??

रामायण ब्राह्मण अग्नि शर्मा उर्फ वाल्मीकि द्वारा लिखित काल्पनिक नाटक है कोई इतिहास नहीं है।

👉 कृष्ण कौन था??

*कृष्ण ब्राह्मण वेद व्यास द्वारा लिखित महाभारत नाटक का एक काल्पनिक पात्र था। बिदेशी आर्य इक्ष्वाकु ही काल्पनिक कृष्ण है.

*जब मथुरा ही नहीं था तो कृष्ण कहाँ पैदा हुए थे??*

इतिहास के अनुसार आज जिसे मथुरा कहते हैं उसका ऐतिहासिक नाम मधेपुरा था जिसे बौद्ध सम्राट मधु ने बसाया था जिसे वाल्मीकि रामायण में मधू दैत्य कहा गया था और मधु दैत्य कनिष्क वंश का था जिसे बौद्ध सम्राट कनिष्क ने बसाया था**

मधेपुरा उस समय जंगल के रूप में था जिसे बौद्ध लवणासुर ने सजाया संवारा और और एक नगर के रूप में विकसित किया था।

लवणासुर के समय में आर्य राजकुमार इक्ष्वाकु ने लवणासुर पर आक्रमण किया और आर्यों ने हमेशा ही कूटनीति का प्रयोग किया और लवणासुर का बध कर दिया और मधेपुरा पर अपना कब्जा कर लिया और मधेपुरा का नाम ही मथुरा रखा गया और ब्राह्मण रिषी व्यास ने लवणासुर को ही कंश और इक्ष्वाकु को कृष्ण नाम देकर काल्पनिक कहानी लिखी थी।*

👉 हनुमान कौन था??

हनुमान एक शूद्र था जो कि वीर था लेकिन मूर्ख था जो कि ब्राह्मण और क्षत्रियों का गुलाम था और अपने ही समाज का हत्यारा था।

👉 शंकर कौन??

शंकर दक्षिण भारत का एक बौद्ध सम्राट था जो बहुत शक्तिशाली था ब्राह्मणों का कटटर बिरोधी था ब्राह्मणों ने छल कपट का प्रयोग करके अपनी बेटी पार्वती की शादी उससे कर दिया और शंकर को नशेड़ी बना दिया नशा उतारने के बहाने से शंकर को पहाड़ पर भेज दिया और शंकर का राज्य कब्जा कर लिया।

👉 गणेश कौन??

गणेश बुद्ध का ही रूप है ब्राह्मणों को बुद्ध से इतनी नफरत थी कि ब्राह्मणों ने बौद्धो के प्रतीक हाथी 🐘 का सिर काटकर बुद्ध के गर्दन पर लगाया और गणेश नाम देकर लोगों को गुमराह कर दिया।

👉 दुर्गा, काली कौन ??

कलकत्ता में दुर्गा नामक एक खूबसूरत वेश्या थी उस समय महिषासुर नामक एक यादव समाज का राजा था जो कि बहुत वीर था ब्राह्मणों को आमने-सामने की लड़ाई ने मार खानी पड़ी जान बचा कर भागे, ब्राह्मणों ने हमेशा ही छल कपट की नीति अपनायी थी महिषासुर की हत्या की जिम्मेदारी वेश्या दुर्गा को दिया वेश्या दुर्गा ने कामुक रूप बना कर लुभाने की कोशिश किया और एक एक करके नौ रातों तक महिषासुर को शराब पिला कर हत्या कोशिश करती रही और नौवें दिन मौका पाकर महिषासुर की हत्या कर दिया। ब्राह्मणों ने लोगों को गुमराह करने के लिए कि यादव समाज युद्ध न सकें इस लिए देवी का नाटक बना कर लोगों को बेवक़ूफ़ बना दिया। और नौ रात्री को नौ देवी नाम देकर अपना धर्म का धंधा करने लगे।



👉 सरस्वती और गायत्री कौन??

हिंदू के अनुसार ही श्रृष्टि रचयिता ब्रह्मा ने अपनी ही बेटियों सावित्री, सरस्वती और गायत्री के साथ बलात्कार किया था। ए सिर्फ फर्जी और काल्पनिक कहानियाँ हैं और कुछ नहीं है।

 

ब्राह्मणों द्वारा लिखित वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, भगवतगीता सब फर्जी है और ब्राह्मणों के हित में ही लिखा गया है। ब्राह्मणों ने राम, कृष्ण, दुर्गा, शंकर, बंदर हनुमान आदि लोगों के दिलोदिमाग में डर बनाये रखने के लिए ही बनाये है और पूजा पाठ हवन पाखंड करके अपनी और अपनी आन पीढ़ी को भी मुफ्त में खाने का धंधा बना रखा है।

🔴 563 ईसा पूर्व ही पैदा हुए तथागत गौतमबुद्ध ने कहा था कि भगवान कुछ भी नहीं है और कहीं भी नहीं है .

🔴सम्राट अशोक से लेकर अंतिम मौर्य सम्राट बृहदत मौर्य तक भारत सोने की चिड़िया रही जिस समय नालंदा विश्वविद्यालय और तक्षशिला विश्वविद्यालय आदि सैकड़ों विश्वविद्यालय थे और दूसरे देशों से लोग शिक्षा ग्रहण करने भारत आते थे इसलिए भारत को विश्व गुरु कहा जाता था। 

देश के असली भगवान जिन्होंने देश हित में कार्य किया है 

विश्व गुरु तथागत गौतमबुद्ध।

👉 प्रियदर्शी सम्राट अशोक

👉 ज्योतिबाराव फुले

👉 साबित्रीबाई फुले

👉संत शिरोमणि रविदास

👉 संत गुरु नानक देव

👉 संत कबीर दास

👉पेरियार रामास्वामी नायकर

👉पेरियार ललई सिंह यादव बौद्ध

👉बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा

👉 राम स्वरूप वर्मा

👉 सिंबल आफ नालेज विश्व रत्न बोधिसत्व भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ आंबेडकर।

ब्राह्मणों के बनाये फर्जी ग्रंथों को पढ़ कर मूर्ख ही बनोगे बैज्ञानिक नहीं। जीवन में उजाला चाहिए तो बिज्ञान अपनाओ और विश्व गुरु तथागत गौतमबुद्ध और सिंबल आफ नालेज बाबा साहब डॉ आंबेडकर के विचारों को अपना चलो।